
हल्द्वानी:बागजाला वासियों के अनिश्चितकालीन धरने को रविवार को 28 दिन पूरे हो गए हैं,लेकिन सरकार की बेरुखी और चुप्पी के खिलाफ उनका संघर्ष और भी तेज हो गया है।अखिल भारतीय किसान महासभा बागजाला कमेटी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने थाली बजाकर एक बार फिर प्रदेश सरकार को जगाने की कोशिश की।धरने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कैंडल मार्च,भैंस के आगे बीन बजाना,वाहन रैली और मोबाइल फ्लैश लाइट मार्च जैसे प्रतीकात्मक विरोध के बाद भी सरकार ने एक बार भी संवाद स्थापित करने की कोशिश नहीं की है।कहा कि आज तक धरना स्थल पर शासन-प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि नहीं पहुंचा है।पदाधिकारियों ने कहा कि “थाली बजाओ आंदोलन” से उन्होंने साफ संदेश दिया है कि अब चुप बैठने का समय नहीं है।इस दौरान धरनास्थल पर संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ भी किया गया,जिससे यह जताया गया कि यह लड़ाई सिर्फ जमीन की नहीं,बल्कि संवैधानिक अधिकारों और गरिमामयी जीवन के लिए है।ग्रामीणों ने साफ कहा कि जब तक भूमि पर मालिकाना अधिकार सहित अन्य प्रमुख मांगें पूरी नहीं होतीं,तब तक यह धरना और आंदोलन जारी रहेगा।उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार की चुप्पी अब इस आंदोलन को राज्यव्यापी जनआंदोलन में बदल देगी।धरने के दौरान सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 20 सितंबर को तिकोनिया स्थित बुधपार्क में भूमि अधिकार सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।इस सम्मेलन में नैनीताल जिले की वन भूमि और नजूल भूमि पर बसे लोगों को आमंत्रित किया जाएगा।यहां संयुक्त आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी और सरकार से गरीबों व भूमिहीनों को मालिकाना हक देने की मांग रखी जाएगी।इस दौरान डॉ.उर्मिला,वेद प्रकाश,आनंद सिंह नेगी,अंबेडकर मिशन के अध्यक्ष जीआर टम्टा,सुंदर लाल बौद्ध,एडवोकेट गंगा प्रसाद,कमला लटवाल,बची सिंह कपकोटी,डॉ.कैलाश पांडे,रईस अहमद,रियासत अली,पंकज चौहान,प्रेम सिंह नयाल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।


