
उधम सिंह नगर।
जिले में टैक्स चोरी का खेल लगातार जारी है और इसमें विभागीय मिलीभगत के गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि राज्य कर विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मचारी कारोबारियों के हितैषी बनकर काम कर रहे हैं। आरोप है कि विभागीय छापेमारी से पहले ही मोबाइल फोन के जरिए कारोबारियों तक सूचना पहुँचा दी जाती है, जिससे टैक्स चोरी का माल सुरक्षित रूप से गोदामों तक पहुँचा दिया जाता है।
बताया जा रहा है कि जब उच्च अधिकारी निरीक्षण के आदेश जारी करते हैं तो स्थानीय स्तर पर केवल खानापूर्ति की जाती है। वास्तविक कार्रवाई करने के बजाय कारोबारियों को पहले से अलर्ट कर दिया जाता है। सूत्रों के अनुसार विभाग के कुछ लोग तो टैक्स चोरी के माल को अपनी सुरक्षा में गोदामों तक पहुँचाने में भी मददगार बने हुए हैं।
कई शिकायतों के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। जानकारों का कहना है कि टैक्स चोरी रोकने की जिम्मेदारी लेने के बजाय अधिकारी अपने ऊपर विभागीय कार्यों की अधिकता का हवाला देकर कार्रवाई से बचते हैं।
गौरतलब है कि टैक्स चोरी से राज्य सरकार को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि यदि सरकार ऐसे अधिकारियों के मोबाइल की विजिलेंस जांच कराए तो पूरा नेटवर्क उजागर हो सकता है।
जनता की अपेक्षा है कि सरकार दोषी अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे, ताकि टैक्स चोरी जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगाई जा सके।


