हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ड्रीम प्रोजेक्ट उत्तराखंड के पहले खेल विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय के लिए इस बार खेल विभाग ने वन मंत्रालय की आपत्तियों को दूर करते हुए विश्वविद्यालय निर्माण के लिए चार गुना क्षतिपूर्ति भूमि और 267.543 लाख रुपये पौधरोपण व रखरखाव के लिए देने का प्रस्ताव तैयार किया है। खेल विभाग की उप निदेशक रशिका सिद्दीकी ने जानकारी के अनुसार कि पहले विभाग की ओर से केवल दोगुनी भूमि (24.634 हेक्टेयर) देने का प्रस्ताव था, जो वन मंत्रालय ने अस्वीकार कर दिया था। अब विभाग ने दक्षिणी जसपुर के मालधन बीट में 49.268 हेक्टेयर भूमि देने का प्रस्ताव दिया है, जो पूर्व प्रस्ताव से चार गुना अधिक है। साथ ही आगामी 10 वर्षों तक पौधरोपण और पर्यावरणीय रखरखाव के लिए 2.67 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं और प्रस्ताव को परिवेश पोर्टल पर अपलोड कर, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृति मांगी गई है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार स्वीकृति मिल जाएगी, क्योंकि प्रस्ताव में पिछली आपत्तियों को दूर कर लिया गया है। प्रदेश सरकार 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के दिन इंदिरा गांधी अंतररराष्ट्रीय स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स के समीप खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की तैयारियों में जुटी हुई है। खेल मंत्री रेखा आर्या ने भी 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की बात कही है।
अब सभी की निगाहें केंद्र सरकार की स्वीकृति पर टिकी हैं। अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो 29 अगस्त को उत्तराखंड को अपना पहला खेल विश्वविद्यालय मिलने की घोषणा हो सकती है। जो न केवल राज्य के खिलाड़ियों के लिए वरदान साबित होगा, बल्कि प्रदेश को ‘खेल भूमि’ के रूप में नई पहचान भी दिलाएगा।


