
शारदा मार्केट में अवैध तरीके से बन रही दुकानों के चालान के बावजूद दूसरे दिन निर्माण जारी रहा। यहां बनाई जा रही 77 दुकानों के निर्माण के लिए न तो प्राधिकरण से अनुमति ली गई है और न ही अन्य निर्माण के लिए नगर निगम से। हैरानी की बात है कि शुक्रवार को हुई कार्रवाई के बाद भी शनिवार को यहां निर्माण चल रहा था। मामला सामने आने के बाद आम जनता का यही सवाल है कि एक तरफ तो शासन-प्रशासन की ओर से आम आदमी के घरों के आगे छुटपुट निर्माण को तोड़ने के लिए तत्काल जेसीबी उतारकर कार्रवाई की जाती है। वहीं, दूसरी तरफ जिम्मेदारों की नाक के नीचे इतना बड़ा अवैध निर्माण कर दिया गया, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सरस मार्केट के ठीक सामने शारदा मार्केट स्थित है, जिससे करीब 100 मीटर दूरी पर जिला विकास प्राधिकरण और इससे लगा हुआ नगर निगम कार्यालय है। साथ ही मंडलायुक्त कार्यालय भी पास में ही है। जिस पर आम जनता का यही सवाल उठता है कि जिम्मेदारों की नाक के नीचे कैसे अवैध निर्माण को अंजाम दिया गया। बीते शुक्रवार को पार्षद रवि जोशी की शिकायत पर जिला विकास प्राधिकरण, नगर निगम और पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची थी। जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए काम रुकवाया गया। जांच के दौरान पता चला कि तीन-तीन फ्लोर में दर्जनों दुकानें बनाई गई हैं। जब प्राधिकरण की ओर से नक्शा और दुकानों के निर्माण की अनुमति के दस्तावेज दिखाने को कहा गया तो भवन स्वामी माया देवी शारदा और आलोक शारदा के नाम से चालान कर नोटिस देकर अवैध व्यावसायिक निर्माण का जवाब मांगा गया है। जवाब नहीं मिलने पर सील की कार्रवाई की जाएगी। इन्सेट-छोटी नाली तक देखी लेकिन निर्माण नहीं दिखाहल्द्वानी। यह निर्माण उस जगह पर हो रहा है जहां पर नैनीताल रोड को चौड़ा करने का काम किया जा रहा है। मुख्य बाजार में इस रोड से छोटे-बड़े अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है। पास में ही प्रशासन के बड़े अधिकारियों के कार्यालय हैं। इसके बाद भी नैनीताल रोड से सटे इस बाजार में खुलेआम इतना बड़ा अवैध निर्माण हो रहा था और किसी भी अफसर की इस पर नजर नहीं गई, यह बड़ा प्रश्न है। आखिर कैसे नगर निगम, जिला व क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण किसी गली मुहल्ले में बिना स्वीकृति के एक नाली, खिड़की, दरवाजे, छोटी सी बाउंड्री के तक के निर्माण पर काम रुकवाने पहुंच जाते हैं और इतना बड़ा निर्माण होता रहा लेकिन कोई भी अधिकारी नहीं देख पाया। -ले
राजेंद्र नगर में लाल निशान का विरोधहल्द्वानी। पार्षद प्रीती आर्या ने कहा कि राजेंद्र नगर राजपुरा में नाला चौड़ीकरण के नाम पर गरीबों के घरों लाल निशान लगाए जा रहे हैं। कहा कि किसी के मकान की आधी ईट भी टूटने नहीं देगे चाहे आन्दोलन को किसी भी हद ले जाना पड़े य कोर्ट की शरण लेनी पड़े। हेमंत साहू ने कहा शासन प्रशासन बेलगाम हो गया है राजपुरा में कभी इतना पानी नहीं आता कि की नाले को चौड़ीकरण की जरूरत पड़े लाल निशान लगाने से लोग डर के साए में जी रहे हैं गरीब इंसान पूरे जीवन की जमा पूंजी लगाकर एक एक तिनका जोड़कर मकान बनाता है बेशर्म अधिकारियों को ऐसी हरकत करने से पहले हजार बार सोचना चाहिए।दमुवाढूंगा में नहर, नालों के पास बने घर, बाउंड्री वॉल और अन्य अवैध निर्माण को ध्वस्त किया जा रहा है। यहां घरों के आगे नालों के पास बनाई गई पुलिया और अन्य छुटपुट निर्माण हटाया गया है। साथ ही सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से बने कई अन्य घरों को हटाने की कार्रवाई चल रही है।
कब मिलेगा नोटिस का जवाब-भवन स्वामी की ओर से अभी तक नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया है। शुक्रवार को की गई कार्रवाई के दौरान नोटिस देकर शीघ्र जवाब देने के निर्देश दिए गए थे। जवाब नहीं मिलने पर सील की कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी गई है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि नोटिस का जवाब कब मिलेगा और नहीं मिलने की स्थिति में क्या सील की कार्रवाई की जाएगी।-मौके पर ही निर्माण रोक दिया गया था। जवाब के लिए नोटिस दिया गया है। इसके बावजूद निर्माण किया जाएगा, तो कार्रवाई की जाएगी।- विजय नाथ शुक्ल, सचिव, जिला विकास प्राधिकरण


