
निगरानी-परिवहन विभाग ने चार संभागों को उपलब्ध कराए 47 साउंड लेबल मीटर-20 प्रवर्तन दल, 16 इंटरसेप्टर और 11 टास्क फोर्स को आवंटित किया गया हल्द्वानी: शहर की सड़कों पर तेज रफ्तार में दौड़ते वाहन और कान फोड़ देने वाले प्रेशर हॉर्न अब परिवहन विभाग की नजर में हैं। अक्सर देखा गया है कि कई बाइक और स्कूटी चालक केवल शौक के लिए अपने दोपहिया वाहनों में प्रेशर हॉर्न लगवाते हैं, जबकि यह नियमों के विरुद्ध है। यह न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इससे ध्वनि प्रदूषण भी खतरनाक स्तर तक बढ़ता है।अब परिवहन विभाग ने इस पर सख्ती बरतने का निर्णय लिया है। विभाग की ओर से प्रवर्तन कार्यवाही को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नई पहल की गई है। सड़क सुरक्षा और आम जनजीवन पर होने वाले प्रभाव पर रोक लगाने के लिए विभाग ने प्रदेश के चार जिलों के लिए 47 साउंड लेबल मीटर/डेसीबल मीटर खरीदे हैं। पहले चरण में इन साउंड लेबल को प्रदेश के चार जिलों के 20 प्रवर्तन दल, 16 इंटरसेप्टर और 11 टास्क फोर्स को आवंटित किया गया है। सबसे अधिक साउंड लेबल मीटर देहरादून संभाग को दिए गए हैं, जिसमें प्रवर्तन दल देहरादून, विकासनगर, ऋषिकेश, हरिद्वार, रूड़की, उत्तरकाशी और टिहरी को दिए गए हैं। जबकि हल्द्वानी संभाग में प्रवर्तन दल हल्द्वानी, काशीपुर, रूद्रपुर, रामनगर और टनकपुर को उपलब्ध कराए गए हैं। इसी तरह पौड़ी जिले में प्रवर्तन दल पौड़ी, कोटद्वार, कर्णप्रयाग और रूद्रप्रयाग जबकि अल्मोड़ा में प्रवर्तन दल अल्मोड़ा, रानीखेत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने सभी संबंधित संभागों के परिवहन अधिकारियों को दिए निर्देश में बताया कि इन उपकरणों के संचालन के लिए आज गुरुवार को एक ऑनलाइन ट्रेनिंग रखी गई है, जिसमें सभी संबंधित आरटीओ और कार्मिक शामिल होंगे।
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प्रेशर हॉर्न और ध्वनि संबंधित अन्य चालान-
नए उपकरणों से वाहनों में प्रेशर हॉर्न और आवाज से संबंधित अन्य मानकों का उल्लंघन करने पर प्रवर्तन टीम की ओर से कार्रवाई की जाएगी। जिसमें पहलीब बार उल्लंघन करने पर 1 हजार रुपए का चालान जबकि दूसरी बार नियम तोड़ने पर 2 हजार रुपए का चालान किया जाएगा। हॉर्न बजाने के लिए 7.5 मीटर की दूरी में 80 से 91 डेसीबल की ध्वनि के मानक हैं।


