
हल्द्वानी समाचार। उत्तराखंड में प्रस्तावित पंचायत चुनाव फिलहाल नहीं होंगे। राज्य हाईकोर्ट ने आरक्षण व्यवस्था को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने के चलते पंचायत चुनाव पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि पंचायत चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) सहित विभिन्न वर्गों को आरक्षण किस आधार पर दिया जाएगा, लेकिन सरकार इस पर संतोषजनक जवाब देने में विफल रही। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सोमवार को यह फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि जब तक सरकार आरक्षण व्यवस्था को लेकर ठोस स्थिति नहीं स्पष्ट करती, तब तक पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की जा सकती। कोर्ट का कहना है कि संविधान द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार ही आरक्षण व्यवस्था लागू होनी चाहिए। राज्य सरकार ने कोर्ट में अभी तक कोई ठोस नीति या डेटा प्रस्तुत नहीं किया, जिससे स्पष्ट हो सके कि आरक्षण किस आधार पर लागू किया जा रहा है। इसी वजह से कोर्ट ने चुनावों पर रोक लगाने का निर्णय लिया। इस फैसले से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक गतिविधियों पर फिलहाल विराम लग गया है। अब अगली सुनवाई के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि चुनाव कब होंगे और किस आरक्षण व्यवस्था के तहत कराए जाएंगे।


