
हल्द्वानी। त्यौहारी सीजन शुरू होते ही आम जनता मिलावटी खाद्य पदार्थों को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित रहती है। दीपावली जैसे बड़े पर्व पर जहां गरीब से लेकर अमीर तक मिठाई, पनीर, खोया, देशी घी और अन्य खाद्य पदार्थ खरीदते हैं, वहीं खाद्य विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। जानकारी के अनुसार, इन खाद्य पदार्थों की सप्लाई ज्यादातर बाहर से होती है और अक्सर इनके मिलावटी व नकली होने की शिकायतें सामने आती रही हैं। लेकिन खाद्य विभाग के अधिकारी आदेशों का इंतजार कर रहे हैं। खाद्य अधिकारी नंद लाल और जिला खाद्य अधिकारी अजब सिंह रावत का कहना है कि जब तक उच्च अधिकारियों से निर्देश नहीं आते, तब तक कोई भी कार्यवाही संभव नहीं है। वहीं, खाद्य अधिकारी अभय सिंह की ओर से इसे लेकर संपर्क करना चाहा तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। जिम्मेदार अधिकारियों के इस तरह के रवैये से साफ झलकता है कि खाद्य सुरक्षा विभाग आम जनता के हितों की अनदेखी कर रहा है। बड़े रेस्टोरेंट, मिठाई की नामी दुकानों और शादी-ब्याह में होने वाली कैटरिंग में पहुंचने वाले इन मिलावटी खाद्य पदार्थों पर विभाग की कोई कार्रवाई नजर नहीं आती। सिर्फ खानापूर्ति के लिए विभाग छोटे दुकानदारों पर छापामारी कर वाहवाही लूटकर मामले को खत्म कर देता है। सवाल यह उठता है कि आखिर बड़े प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई क्यों नहीं होती? क्या यह विभाग और बड़े कारोबारियों के बीच की साठगांठ का हिस्सा है? प्रांतीय नगर उद्योग व्यापार मंडल ने त्योहारी सीजन को देखते हुए जिले की सीमाओं पर मिलावटी व नकली खाद्य पदार्थों की सघन चेकिंग की मांग की है। संगठन के प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र फर्स्वाण व प्रदेश संगठन प्रभारी वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि जिला खाद्य अधिकारी को अवगत कराया गया है कि हल्द्वानी समेत पहाड़ के अधिकांश क्षेत्रों में बाहर से खाद्य आपूर्ति होती है, जिनमें मिलावट की आशंका अधिक रहती है। संगठन का कहना है कि विभागीय अधिकारियों के इस रवैये को लेकर इस संबंध में खाद्य आयुक्त राजेश कुमार को भी अवगत कराया जाएगा।


