
हल्द्वानी। कोटाबाग स्थित जिले का राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय रानीकोटा राजनीति का शिकार हो गया है। लंबे समय से इसका उच्चीकरण अधर में लटका हुआ है। ग्राम प्रधान के नेतृत्व में ग्रामीण अस्पताल को नए भवन में शिफ्ट करने का लगातार विरोध कर रहे हैं। वर्तमान में यह अस्पताल डोला गांव के एक जर्जर भवन में किराए पर संचालित हो रहा है, जबकि नया भवन सड़क मार्ग से जुड़ा है और इसके शुरू होने से करीब 25 गांवों को सीधा लाभ मिलेगा। लेकिन राजनीति के कारण ग्रामीण न केवल नए भवन में शिफ्टिंग का विरोध कर रहे हैं, बल्कि प्रभारी चिकित्साधिकारी पर मनमानी का आरोप भी लगाने लगे हैं। प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. नीतू कार्की ने बताया कि यह विभागीय मामला है, लेकिन राजनीति और भ्रम फैलाने के चलते स्थिति बिगड़ रही है। उन्होंने 2 सितम्बर को एसडीएम नैनीताल को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी। डॉ. कार्की ने जान के खतरे की आशंका जताते हुए कहा कि उन्हें ग्राम प्रधान और ग्रामीणों की ओर से धमकाया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि शीघ्र कार्यवाही कर अस्पताल को नए भवन में शिफ्ट कराया जाए, ताकि ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।


