
नैनीताल: जिला पंचायत अध्यक्ष नैनीताल के चुनाव में एक मतपत्र में एक अधिकारी द्वारा मतपत्र में टेम्परिंग अथवा ओवरराइटिंग करने का आरोप लगा है। याचिकाकर्ता की ओर से उनके अधिवक्ता ने वीडियो टेम्परिंग की रिकार्डिंग कोर्ट को दिखाई, जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने याचिकाकर्ता, राज्य सरकार एवं चुनाव आयोग के अधिवक्ताओं व अध्यक्ष पद के दोनों प्रत्याशियों से ये वीडियो व सीसीटीवी देखने को कहा है। ये वीडियो और सीसीटीवी की फुटेज गुरुवार सुबह 11 बजे जिलाधिकारी कार्यालय नैनीताल में देखी जाएंगी। सीसीटीवी फुटेज और वीडियोग्राफी जो कि ट्रेजरी के लॉकर में है, उसे दिखाने की व्यवस्था जिलाधिकारी करेंगी।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने स्पष्ट किया है कि वीडियोग्राफी और सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखने दोनों पक्षों के तीन-तीन अधिवक्ता, चुनाव आयोग के अधिवक्ता एवं दोनों प्रत्याशी यानी कुल 9 लोग शामिल होंगे। इसके अलावा आसपास भीड़ को रोकने की जिम्मेदारी एसपी सिटी नैनीताल डॉ. जगदीश चन्द्र की होगी। मामले के अनुसार, जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव में कुल 22 मत पड़े थे। जिनमें से अध्यक्ष पद पर भाजपा प्रत्याशी दीपा दरम्वाल को 11 और कांग्रेस प्रत्याशी पुष्पा नेगी को 10 मत मिले थे जबकि एक मत रद्द हुआ है। इसी रद्द मत में टेम्परिंग का आरोप है जिसमें 1 के ऊपर से 2 किए जाने का आरोप है जबकि उपाध्यक्ष पद पर भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी को बराबर मत मिले थे और चुनाव परिणाम लॉटरी से निकला था। इस मामले को जिला पंचायत सदस्य पूनम बिष्ट ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। बुधवार को उनकी तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता देवी देवदत्त कामथ, उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस पाटनी एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अवतार सिंह रावत और सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल तथा मुख्य स्थायी अधिवक्ता सीएस रावत एवं राज्य चुनाव आयोग की तरफ से संजय भट्ट ने अपना-अपना पक्ष न्यायलय के सम्मुख पेश किया। मामले की सुनवाई गुरुवार को भी जारी रहेगी।


