
शिक्षा मंत्री ने समीक्षा बैठक में समय पर राशि न मिलने पर जताई नाराजगी
हल्द्वानी: विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं कि 30 सितंबर तक छात्रों के खातों में ड्रेस, बैग और जूते के लिए धनराशि डीबीटी के माध्यम से भेज दी जाए। उन्होंने समीक्षा बैठक में समय पर राशि न मिलने पर नाराजगी जताई और अधिकारियों को निर्देशित किया कि छात्रों को इन जरूरी सामग्रियों के लिए इंतजार न करना पड़े।
पुस्तकों की खरीद के लिए विद्यालय स्तर पर समिति गठित की जाएगी, जिसमें प्रधानाचार्य, सेवानिवृत्त शिक्षक, ग्राम प्रधान और अभिभावक संघ के अध्यक्ष शामिल होंगे। समिति छात्र-छात्राओं की आवश्यकता के अनुसार पुस्तकें चयनित कर सूची विभाग को भेजेगी।
बैठक में समग्र शिक्षा परियोजना की प्रगति की समीक्षा भी की गई। पीएम-श्री विद्यालयों के लिए निर्माण कार्य तेज करने, आईसीटी व वर्चुअल लैब शीघ्र स्थापित करने तथा डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 800 स्कूलों में हाइब्रिड कक्षाएं शुरू की जा चुकी हैं। 40 अन्य स्कूलों में यह कार्य अंतिम चरण में है।
भारत सरकार से 15 नए पीएम-विद्यालयों की स्वीकृति मिल चुकी है। इसके अलावा स्मार्ट क्लास और आईसीटी लैब के लिए क्रमशः 72 और 124 विद्यालयों हेतु प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे गए हैं।
बैठक में अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा रंजना राजगुरू, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा दिप्ती सिंह, अपर सचिव एमएम सेमवाल, निदेशक एससीईआरटी वंदना गर्ब्याल, निदेशक बेसिक अजय कुमार नौडियाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा डॉ. मुकुल सती, एपीडी समग्र शिक्षा कुलदीप गैरोला आदि उपस्थित रहे।
पीजीआई रैंकिंग में सुधार लाएं अधिकारी-
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने परफॉर्मेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई) रैंकिंग में सुधार के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने को कहा, जो पीजीआई के विभिन्न मानकों पर राज्य के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर आवश्यक सुधार सुनिश्चित करेगी।
घटती छात्रसंख्या पर समिति ने सौंपी रिपोर्ट-
प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में लगातार घटती छात्र संख्या को लेकर गठित जांच समिति ने शुक्रवार को विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी। समिति ने प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर की शिक्षा में छात्र संख्या में आ रही गिरावट के कारणों का अध्ययन कर यह रिपोर्ट तैयार की है।
रिपोर्ट में समस्या के मूल कारणों के विश्लेषण के साथ ही छात्र संख्या में वृद्धि के लिए ठोस सुझाव प्रस्तुत किए गए हैं।


