
नैनीताल: घर में शौचालय नहीं होने के कारण ग्राम प्रधान पद की प्रत्याशी का नामांकन पत्र निरस्त कर दिया गया। प्रत्याशी ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र एवं आलोक महरा की खंडपीठ ने बुधवार को याचिका परसुनवाई कर नामांकन निरस्त करने के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए कि प्रत्याशी को शीघ्र चुनाव चिन्ह जारी करें। मामला टिहरी जिले का है।
सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से कहा गया कि नामांकन और उसकी जांच हो चुकी है। शपथ पत्र के मुताबिक उनका नामांकन सही नहीं पाया गया। कमेटी ने जांच के बाद ही नामांकन पत्र निरस्त किया है। इस पर विरोध दर्ज कराते हुए याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि नामांकन नियमों के विरुद्ध जाकर निरस्त किया गया है। जरूरी नहीं कि घर के अंदर ही शौचालय हो। उनका शौचालय घर से करीब डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर है तो किस आधार पर उनका नामांकन निरस्त किया जा सकता है।
मामले के अनुसार, टिहरी जिले की निवासी कुसुम कोठियाल ने याचिका में बताया कि वे ग्राम प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं लेकिन चुनाव आयोग ने उनका नामांकन इस आधार पर निरस्त कर दिया कि उनके घर में शौचालय नहीं है। याचिका के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय घर के अंदर न होकर बाहर होते हैं, जो उनके घर से करीब डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर बना है और वह भी उनका व्यक्तिगत शौचालय है न कि सार्वजनिक इसलिए उनके नामांकन पत्र को बहाल किया जाए।


