
देहरादून। उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में राज्य सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए लंबे समय से गायब बांडधारी चिकित्सकों पर कार्रवाई की तैयारी तेज कर दी है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्पष्ट कर दिया है कि बांड की शर्तों का उल्लंघन करने वाले डॉक्टरों को बख्शा नहीं जाएगा। विभागीय समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर ऐसे चिकित्सकों की सूची स्वास्थ्य महानिदेशालय से शासन को सौंपने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों से बांड के तहत MBBS करने वाले डॉक्टरों को पर्वतीय क्षेत्रों में सेवा देना अनिवार्य है, लेकिन कई डॉक्टर बिना सूचना के गैरहाजिर चल रहे हैं। डॉ. रावत ने अधिकारियों से ऐसे चिकित्सकों की सेवाएं अनुबंध की शर्तों के तहत समाप्त करने और बांड के मुताबिक उनसे धनराशि की वसूली की तैयारी करने को कहा है।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से चयनित 222 नये चिकित्सकों की शीघ्र तैनाती के निर्देश भी दिए। इसके अलावा उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पड़े 169 चिकित्सक, 267 नर्सिंग अधिकारी और 180 एएनएम के पदों को भरने के लिए जल्द अधियाचन भेजने के आदेश दिए। तकनीकी संवर्ग के रिक्त पदों पर भी तेजी से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की बात कही गई। बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, चिकित्सा शिक्षा विभाग के अपर निदेशक डॉ. आर.एस. बिष्ट, संयुक्त निदेशक डॉ. अजीत जौहरी, डॉ. अनिल नेगी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।


