
हल्द्वानी।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में रविवार को हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज मैदान में ‘शताब्दी शंखनाद’ एकत्रीकरण कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हजारों स्वयंसेवकों और नागरिकों ने भाग लिया। बांसुरी वादन और कुमाऊंनी लोकगीत “दैणा होया खोली का गणेशा हे…” की मधुर धुन के साथ स्वयंसेवकों ने योग और आसन का प्रदर्शन कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
मुख्य वक्ता और संघ के सह सरकार्यवाह आलोक कुमार ने विजयादशमी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन “अधर्म पर धर्म, अन्याय पर न्याय और असत्य पर सत्य की विजय” का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि महिषासुर और रावण का वध भी आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को हुआ था। इस दिन शस्त्र पूजन के साथ-साथ प्राचीन काल में राजा सीमाएं लांघकर नए राज्य विस्तार का कार्य भी प्रारंभ करते थे।
आलोक कुमार ने कहा कि विजयादशमी के दिन आरंभ किए गए कार्यों में सफलता निश्चित होती है। इसी भाव से डॉ. केशवराव बलीराम हेडगेवार ने भी संघ की स्थापना इसी दिन की थी। उन्होंने कहा कि संघ ने अपने 100 वर्षों के सफर में जो कार्य अधूरे रह गए हैं, उन्हें आने वाले समय में पूरा करने का संकल्प लिया गया है।
उन्होंने आगे कहा, “हमारा समाज प्राचीन काल से गौरवशाली रहा है, लेकिन बीच के कालखंड में समाज को जाति, भाषा और क्षेत्र के आधार पर विभाजित करने का प्रयास हुआ। आरएसएस ने समाज को संगठित करने, सेवा और स्वावलंबन जैसे पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पंच परिवर्तन का लक्ष्य तय किया है।”
संघ वर्तमान में 5.25 लाख परिवारों तक पहुंच चुका है, लेकिन आगामी वर्षों में इसका लक्ष्य प्रत्येक घर तक पहुंचने का है।
📌 कार्यक्रम में मौजूद रहे:प्रांत संघचालक डॉ. बीएस बिष्ट, सह प्रांत प्रचारक चंद्रशेखर, जिला संघचालक डॉ. नीलांबर भट्ट, नगर संघचालक विवेक कश्यप, वरिष्ठ स्वयंसेवक जगन्नाथ पांडे, वेद प्रकाश अग्रवाल, सह क्षेत्र सेवा प्रमुख धनीराम, सह प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. बृजेश बनकोटी, सह प्रांत बौद्धिक प्रमुख राजेश जोशी सहित संगठन के कई वरिष्ठ पदाधिकारी और हजारों स्वयंसेवक उपस्थित रहे।


