
हल्द्वानी : प्रदेश में कक्षा एक में प्रवेश के लिए शासन की ओर से न्यूनतम आयु सीमा 6 वर्ष निर्धारित की गई है, जिसमें यह जरूरी है कि बच्चा शैक्षणिक सत्र 1 जुलाई से पूर्व 5 वर्ष 12 महीने यानी 6 वर्ष का हो चुका हो। बावजूद इसके शिक्षा विभाग को जानकारी मिली है कि कुछ स्कूल इस नियम का उल्लंघन कर कम उम्र के बच्चों को प्रवेश दे रहे हैं। अब ऐसे स्कूलों को विभाग की ओर से चिन्हित किया जा रहा है। इसके लिए सभी जनपदों की ओर से चिन्हीकरण के बाद इस तरह के स्कूलों की रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी जाएगी, जिसके बाद निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग की इस सख्ती से उन स्कूलों में हडकंप मच गया है, जो मानकों की अनदेखी कर प्रवेश दे रहे हैं। इस गंभीर लापरवाही का संज्ञान लेते हुए विभागीय सचिव रविनाथ रामन ने समस्त जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे स्कूलों को चिन्हित कर उनकी मान्यता निरस्त करने के लिए रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाए। शिक्षा सचिव ने साफ कहा है कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने और बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए निर्धारित मानकों का पालन हर हाल में अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि आगे भी इस नियम का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विभिन्न कक्षाओं के लिए निर्धारित आयु सीमा
पूर्व प्राथमिक-1 नर्सरी 3 साल पूर्ण यानी 2 साल 12 माह की अवधि पूरी
पूर्व प्राथमिक-2 नर्सरी 4 साल पूरे यानी 3 साल 12 माह की अवधि पूरी
पूर्व प्राथमिक-3 नर्सरी 5 साल पूरे यानी 4 साल 12 माह की अवधि पूरी
कक्षा-1 6 साल पूरे यानी 5 साल 12 माह की अवधि पूरी


