
देहरादून/हरिद्वार। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले में अब कार्रवाई शुरू हो गई है। परीक्षा आयोजन के दौरान पर्यवेक्षण में लापरवाही बरतने के आरोप में जिला ग्राम्या विकास अभिकरण (DRDA) हरिद्वार के परियोजना निदेशक के एन तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। यह इस चर्चित पेपर लीक मामले में उच्च स्तर पर हुई पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
सेक्टर मैजिस्ट्रेट के रूप में हुई थी नियुक्ति
जानकारी के अनुसार, के एन तिवारी को हरिद्वार में आयोजित परीक्षा के लिए सेक्टर मैजिस्ट्रेट के रूप में नियुक्त किया गया था। इस पद पर रहते हुए उन पर परीक्षा केंद्रों पर सुचारू और निष्पक्ष आयोजन सुनिश्चित करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी।
सचिव दिलीप जावलकर द्वारा जारी किए गए आदेशों में कहा गया है कि परीक्षा आयोजन के दौरान अपने पर्यवेक्षण कार्य में लापरवाही बरतने के कारण के एन तिवारी पर यह निलंबन की कार्रवाई की गई है।
अगले आदेश तक पौड़ी से संबद्ध
निलंबन के साथ ही, के एन तिवारी को अग्रिम आदेशों तक आयुक्त ग्राम्य विकास कार्यालय, पौड़ी से संबद्ध कर दिया गया है। इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि उत्तराखंड सरकार और प्रशासन UKSSSC पेपर लीक मामले में किसी भी स्तर की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा और दोषियों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।


