देहरादून: प्रदेश के 692 राजकीय इंटर कॉलेजों में लंबे समय से खाली पड़े प्रधानाचार्य पदों को भरने की उम्मीद अब और मजबूत हो गई है। करीब नौ महीनों से अटकी पड़ी सीमित विभागीय भर्ती परीक्षा अब पंचायत चुनावों के बाद आयोजित किए जाने की संभावना है। इस प्रक्रिया में सबसे बड़ी रुकावट बनी हुई भर्ती नियमावली की समीक्षा को लेकर गठित समिति ने अब बिना किसी संशोधन के नियमावली को स्वीकृति दे दी है, जिससे परीक्षा के आयोजन का रास्ता साफ हो गया है।हालांकि, राजकीय शिक्षक संघ इस समय संगठन के प्रांतीय चुनावों की तैयारियों में व्यस्त है, और संभावना है कि परीक्षा प्रक्रिया का एक बार फिर विरोध किया जा सकता है।
इसके विपरीत, वे शिक्षक जो परीक्षा में भाग लेने के योग्य हैं, वे सरकार पर जल्द से जल्द परीक्षा की तारीख घोषित करने का दबाव बना रहे हैं। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने पिछले वर्ष यह निर्णय लिया था कि 1385 इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य पदों का 50 प्रतिशत हिस्सा सीमित विभागीय परीक्षा के माध्यम से तथा शेष 50 प्रतिशत पदोन्नति से भरे जाएंगे। विभागीय नियमों के अनुसार, ऐसे प्रधानाध्यापक जो कम से कम दो वर्ष का अनुभव रखते हैं, वे इस परीक्षा में शामिल होने के पात्र माने जाएंगे। अब सभी की निगाहें सरकार पर टिकी हैं कि वह कब इस बहुप्रतीक्षित परीक्षा की तारीख की घोषणा करती है, जिससे वर्षों से रिक्त पड़े इन पदों पर योग्य अधिकारियों की नियुक्ति संभव हो सके।


