
मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने की याचिका पर सुनवाई, कोर्ट की निगरानी में होगी जांच
निर्देश-जांच अधिकारी इंस्पेक्टर नीरज भाकुनी का जिले से बाहर करें तबादला
नैनीताल: हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक महरा की खंडपीठ ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में हिंसा वाले दिन फईम की गोली लगने से हुई मौत के मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने संबंधी याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। खंडपीठ ने इस मामले की जांच, विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने के निर्देश दिए हैं। जांच अदालत की निगरानी में होगी। साथ ही, खंडपीठ ने जांच अधिकारी (आईओ) नीरज भाकुनी का जिले से बाहर तबादला करने के निर्देश दिए हैं।
अदालत के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक की ओर से इस मामले में जवाबी हलफनामा पेश किया गया लेकिन अदालत इससे संतुष्ट नहीं हुई। अदालत ने माना कि पुलिस इस मामले में टालमटोल कर रही है। अदालत ने अंत में इस मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी और जांच अधिकारी के स्थानांतरण के निर्देश भी दिए। पूर्व में कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा था कि जांच अधिकारी खुद इस मामले की जांच कर रहा है और अंतिम रिपोर्ट भी खुद ही पेश कर रहा है। यह अपने आप में एक अनोखी जांच की जा रही है।
मामले के अनुसार, याचिकाकर्ता परवेज उर्फ बबलू की ओर से वर्ष 2024 में दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि आठ फरवरी, 2024 को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में कुछ लोगों ने उसके भाई फईम की गोली मार कर हत्या कर दी थी। आरोपियों ने उसके घर में लूटपाट के साथ ही वाहनों में आग भी लगा दी थी। पुलिस ने तहरीर पर मामला दर्ज नहीं किया। निचली अदालत के आदेश पर छह मई, 2024 को अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी दावा किया गया कि पुलिस की ओर से सही ढंग से जांच नहीं की गयी और इस मामले में अंतिम रिपोर्ट लगा दी गयी। जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में माना कि फईम की मौत हल्द्वानी दंगा के कारण हुई थी।


