
हल्द्वानी: भूमि के मालिकाना हक, नए निर्माण पर लगी रोक हटाने और पंचायत चुनाव बहाली समेत आठ सूत्रीय मांगों को लेकर गौलापार के बागजाला गांव में अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में चल रहा धरना प्रदर्शन रविवार को 21वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान ग्रामीणों ने एक अनूठे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। जिसमें राज्य सरकार, जिला प्रशासन और क्षेत्रीय विधायक की उपेक्षा से आहत ग्रामीणों ने प्रतीकात्मक विरोध के रूप में भैंस के आगे बीन बजाकर सरकार को उसकी कुंभकर्णी नींद से जगाने का प्रयास किया। आंदोलनकारियों ने इसे सरकार की भैंस जैसी संवेदनहीनता के विरुद्ध प्रतीकात्मक प्रदर्शन बताया।
धरनास्थल पर उपस्थित मुख्य वक्ता मुकेश बौद्ध ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि शांतिपूर्ण आंदोलन को 21 दिन बीत जाने के बावजूद सरकार के किसी भी प्रतिनिधि ने आकर प्रदर्शनकारियों की सुध नहीं ली। उन्होंने बागजाला को राजस्व गांव घोषित करने और ग्रामीणों की मांगों को तत्काल मानने की मांग की। किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आनंद सिंह नेगी ने कहा कि जब सरकार बिंदुखत्ता से दमुआढुंगा तक अन्य बसासतों को मालिकाना अधिकार देने की योजना बना रही है, तो बागजाला को इससे बाहर क्यों रखा गया है। कहा कि यह साफ तौर पर सौतेला व्यवहार है।
धरने में भीम आर्मी, भाकपा माले समेत विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया। वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र समाधान नहीं निकला, तो आंदोलन उग्र रूप लेगा और इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह सरकार की होगी। धरने में शामिल प्रमुख लोगों में मुकेश बौद्ध, आनंद सिंह नेगी, सिराज अहमद, नवीन आर्य, नफीस अहमद खान, संजय कुमार टम्टा, हरीश लोधी, विष्णु पद साना, मंजू सिंह, विमला रौथाण, डॉ. उर्मिला रैस्वाल, डॉ. कैलाश पांडे, प्रेम सिंह नयाल, हेमा देवी, पंकज चौहान, एमएस मलिक, गुलशन, पंकज, चंदन, असलम, चंपा देवी, परवेज, यासीन, लोकेश कुमार, देवी आर्य, महेश राम, रेखा देवी, सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल रहे।


