नगर पालिका में अवैध निर्माण, अतिक्रमण, अवैध रूप से संचालित मदरसे व स्लॉटर हाउस को बंद करने समेत अन्य मांगों को लेकर भाजपा, व्यापारी व हिन्दूवादी संगठन के पदाधिकारियों के एक शिष्टमंडल ने ईओ के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। उन्होंने पूर्व में बंद स्लॉटर हाउस को संचालित करने वाले अधिकारी, कर्मचारी व स्लॉटर हाउस संचालित करने वाले लोगों के खिलाफ कार्यवाही न होने पर जमकर हंगामा काटा।
भाजपा मंडल अध्यक्ष विक्रम जंतवाल के नेतृत्व में भाजपा पदाधिकारी, हिंदू संगठनों, व्यापारियों व स्थानीय जनता ने नगर पालिका सभागार में ईओ अभिनव कुमार से क्षेत्र में चल रहे अवैध मदरसे, स्लॉटर हाउस की जांच कर बंद कराने की मांग की। उन्होंने बाजारों से अतिक्रमण, मेथीसाह नाले के किनारे विशेष समुदाय द्धारा अतिक्रमण कर भवनों के निर्माण, साप्ताहिक हाट बाजार के प्रत्येक व्यापारी दरों को बोर्ड में अंकित, मुख्य बाजार से वाइन शॉप व अस्पताल के सामने से चिकन शॉप को स्थानांतरित करने, हनुमान मंदिर के समीप मांस के अवशेषों को फेकने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। उन्होंने बाबा श्याम के संकीर्तन में विशेष समुदाय के लोगों द्वारा पथराव किए जाने की घटना की निंदा करते हुए बाहर से आ रहे विशेष समुदाय के राशन कार्ड, अधार कार्ड, जाति व स्थाई प्रमाण पत्रों की गहनता से जांच की मांग की। उन्होंने 7 दिन के अंदर में कोई कार्यवाही नहीं होने पर उग्र आंदोलन और नगर पालिका का घेराव करने की चेतावनी दी। ईओ अभिनव कुमार ने जल्द सभी समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया। इस दौरान दीवान सिंह बिष्ट, विनोद बुढलाकोटी, हरीश कनवाल, कुदंन बसेड़ा, शोभा पांडे, कविता वालिया, पूरन जोशी, भुवन कुमार, ममता साह, कैलाश बुढलाकोटी, विक्रम चौहान, दीपा देवी, मनोज पंत, गिरीश पडलिया, जगत सिंह, मयंक गुप्ता, नरेन्द्र सामंत, राजीव वालिया, मनोज पेटशाली, विनोद कुमार, गुड्डु चौहान, महेन्द्र दिगारी, जीवन भट्, राजू जंतवाल व कमल जंतवाल सहित दर्जनों जनप्रतिनिधि व भाजपा पदाधिकारी मौजूद रहे।
अधिशासी अधिकारी के समय से न पहुंचने पर की तालाबंदी
कालाढूंगी। भाजपा व हिन्दूवादी संगठनों के पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधि व व्यापारियों का एक शिष्टमंडल सोमवार को सुबह 11 बजे अधिशासी अधिकारी अभिनव कुमार से मिलने पहुंचे। मगर ईओ एक बजे तक कार्यालय में नहीं पहुचने पर सभी का पारा चढ गया तो उन्होंने तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया। डेढ़ बजे पहुंचे अधिशासी अधिकारी को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। उन्होंने पूर्व में अवगत कराने के बावजूद ईओ के कार्यालय में न होने पर नाराजगी जताई।




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